भारती के प्रेमचंद
आपका यहाँ स्वागत है।
आप यहाँ ऐसी शख्सियतों से मिलेंगे, जो असली जिंदगी में अपनी समस्याओं से जूझने के साथ हिंदी व सभी भारतीय भाषाओं के लिये अपना योगदान दे रहे हैं या दे चुके हैं।
यहाँ कुछ नामों पर विवाद होना स्वाभाविक है लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूँ कि किसी भी व्यक्ति, चाहे वो अदना ही क्यों न हो, के योगदान पर सक्रिय चर्चा को बढ़ावा मिलनेवाली है।
कुछ दिन प्रतीक्षा कीजिये।
बहुत सारे नाम आनेवाले हैं।
यहाँ लेखक, रचनाकारों से बचने का हरसंभव प्रयास किया जायेगा क्योंकि वे लोग निर्विवाद रूप से हमारी भाषाओं के लिये ही उपलब्ध हैं लेकिन कुछ ऐसे लोग, जो गैर-लेखन से होने के बावजूद हमारी भाषाओं को वह सम्मान दिलाया, जिसके ये हकदार हैं।